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Thursday, February 14, 2019

वक्त आया है...

वक्त आया है फिर से
गोलियोसे बात करने का
वक्त आया है फिर से
मारके वापिस आने का

वक्त आया है फिर से
जान की बाज़ी लगाने का
वक्त आया है फिर से
कायरो को काट खाने का

वक्त आया है फिर से
लहूमें हथियार भिगाने का
वक्त आया है फिर से
शहीदों का बदला लेने का

वक्त आया है फिर से
इंसानो को बाग़ी बनने का
वक्त आया है फिर से
उनकी नींद उडाने का

वक्त आया है फिर से
तिरंगे की शान बचाने का
वक्त आया है फिर से
वहा तिरंगा लहराने का

© गंधार कुलकर्णी